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Showing posts from September, 2018

Translation of Protein Synthesis ?

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Translation of Protein Synthesis The central dogma described how the DNA makes its an copies by DNA replication , then codes for the RNA by means of transcription and RNA codes for the protein by the translation. For the central creation of new generation , the genetic information stored in the DNA has to be transferred from one generation to another. The process begin with replication of DNA followed by transcription and translation. Strecture of tRNA :- The DNA transcribed into mRNA on the basis of their complementarity , translation is the process of conversion nucleic acid information into amino acid. There is no complementarity amino acids and mRNA. Hense , translation is not controlled by complementarity but by the genetic code. They are dependent on an adapter molecule. This adapter molecule is called tRNA (transfer RNA). Protein Synthesis :- Translation "The process by which the mRNA codes for a particular protein is known as translation." In the...

Transcription process of RNA

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Transcription Process It is the one of the first process of gene expression. RNA polymerase which an Enzyme copies of a particular segment of DNA into RNA. Transcription unit is a stretch of DNA transcribed into an RNA molecule. It is function is to encode at least one gene. Suppose if gene encodes protein than mRNA is produced by a transcription. A protien encoded by DNA transcription unit may comprise a coding sequence.  Copare to DNA replication , transcription has a lower fidelity. Process :- Transcription of DNA into RNA is govened by the complementary base pairs of the two nucleic acid. Both DNA and RNA are complementary to each other with one exception. The Thymine is replaced by Uracil in RNA. During the transcriptional process, DNA dependent RNA polymerase begin to read a segment of DNA which is transcribed into complementary RNA.

परासरण दाब मापने की वर्कले हार्टले विधि को समझाइए ?

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परासरण दाब मापने की वर्कले हार्टले विधि मे कोपर फेरो सायनाइड की पतली झिल्ली जमा दी जाती है जो अध्रपारगम्य झिल्ली का कार्य करती है | 2 Cuso 4     +   K 4 [Fe (CN) 6 ]                ➞                cu 2 [Fe (CN) 6 ]      +       2K 2 SO 4 इस पात्र मे शुद्ध जल भरा होता है जिसका परासरण दाब ज्ञात करना होता है, इसमें एक पिस्टन और दाब मापने का यन्त्र भी लगा होता है, और साथ मे केशिका नली जुडी रहती है | अध्रपारगम्य झिल्ली के दोनों तरफ विलयन भरा होता है और मध्य मे जल भरा होता है जिसका परासरण दाब ज्ञात करना है | प्रयोग करते समय केशिका नली मे जल का स्तर ज्ञात कर लेते है और पिस्टन द्वारा धीरे धीरे विलयन पर दाब आरोपित किया जाता है, जिससे विलयन का जल परासरण के कारण जल मे आने लगता है , जिससे जल का स्तर बढ़ जाता है और बढे हुए जल के स्तर को किशिका नली मे ज्ञात कर लिया जाता है जिसे विलयन का परासरण दाब कहते हैं |

सम्भारिक क्या है ?

सम्भारिक ऐसे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक भिन्न भिन्न होते हैं और परमाणु भार समान होते है वह एक दूसरे के सम्भारिक कहलाते हैं | उदहारण के लिए - 18Ar   - 20 19K    - 20 20Ca  - 20

What is DNA Replication ?

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डीएनए प्रतिकृति एंजाइमों के एक सेट द्वारा उत्प्रेरित किया जाता है, डीएनए प्रितिकृति की प्रिक्रिया मे शामिल होने वाले एंजाइमों के बारे मे जाने | DNA Replication (डीएनए प्रितिकृति ) डीएनए प्रतिकृति की प्रक्रिया में, डीएनए स्वयं की कई प्रतियां बनाता है। यह एक जैविक बहुलकरण है जो Initiation, Elongation, Termination के अनुक्रम में आता है। पूरी प्रक्रिया एंजाइमों की मदद से होती है जहां डीएनए-निर्भर DNA Polymerase मुख्य एंजाइम होता है। क्रियाविधि  Initiation :- डीएनए प्रतिकृति मे एक मिनट की गलती के परिणामस्वरूप उत्परिवर्तन होते हैं। इस प्रकार, प्रतिकृति डीएनए में किसी भी बिंदु पर स्पष्ट रूप से शुरू नहीं कर सकती है। प्रतिकृति शुरू करने के लिए प्रतिकृति की उत्पत्ति नामक एक विशेष क्षेत्र है। यह वह बिंदु है जहां प्रतिकृति उत्पन्न होती है। प्रतिकृति इस उत्पत्ति के स्पॉटिंग के साथ शुरू होती है जिसके बाद दो डीएनए स्ट्रेन को अनदेखा किया जाता है। उच्च ऊर्जा इनपुट के कारण इसकी पूरी लंबाई में डीएनए स्ट्रैंड को अनजान करना असंभव है। इसलिए, सबसे पहले, एक प्रतिकृति का...

What is DNA Packaging ?

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DNA Packaging डीएनए - डीऑक्सीरिबोन्यूक्लिक एसिड एक वंशानुगत अम्ल है जो कोशिका के नाभिक में पाई जाती है और मुख्य रूप से सभी जीवित जीवों के विकास, प्रजनन, विकास और कार्यप्रणाली में उपयोग की जाने वाली अनुवांशिक जानकारी को ले जाने में शामिल होती है। डीएनए एक जैविक, जटिल, आणविक संरचना है, जो प्रोकार्योटिक और यूकेरियोटिक कोशिकाओं और कई वायरस में भी पाया जाता है। DNA Structure वर्ष 1 9 53 में, वाटसन और क्रिक द्वारा डीएनए संरचना का सुझाव दिया गया था। उनकी खोज के मुताबिक, डीएनए एक डबल हेलिक्स है, जो दो पोलिन्यूक्लियोटाइड चेन की एक डबल हेलिकल स्ट्रक्चर या एक दूसरे के समानांतर चलने वाले तारों से बना लंबा अणु है। पूरक नाइट्रोजेनस बेस के बीच दो स्ट्रैंड हाइड्रोजन बंधन से जुड़े होते हैं। एडिनिन तीन एच-बॉन्ड की मदद से साइटोसाइन के साथ दो एच-बॉन्ड और गुआनीन जोड़े की मदद से थायमीन के साथ जोड़ता है। डीएनए न्यूक्लियोटाइड्स का एक बहुलक है, अर्थात् deoxyribonucleotides शब्द दो शब्दों में विभाजित किया जा सकता है| यानी, Deoxyribose + Nucleotide, जहां Deoxyribose एक sugar है ...

कोशिका भित्ति (Cell Wall) क्या है ?

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Cell Wall (कोशिका भित्ति ) शैवाल की कोशिका भिती सेलुलोज, गैलेक्टेन्स, मैनान्स व खनिज जैसे कैल्सियम  कार्बोनेट की बनी होती है, जबकि दूसरे पौधों में यह सेलुलोज, हेमीसेलुलोज, पेक्टीन व प्रोटीन की बनी होती है।  मध्यपटलिका मुख्यतः कैल्सियम पेक्टेट की बनी सतह होती है। कोशिकायें आपस में प्लामोडेस्मेटा से जुड़ी रहती है।

राइबोसोम (Ribosomes) क्या है ?

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राइबोसोम (Ribosomes) जार्ज पैलेड (1953) ने इलेक्ट्राॅन सूक्ष्मदर्शी द्वारा सघन कणिकामय संरचना राइबोसोम को सर्वप्रथम देखा था।  प्रोकैरियोटिक में राइबोसोम कोशिका की जीवद्रव्य झिल्ली से जुड़े होते है। ये 15 से 20 नैनोमीटर आकार के होते हैं और दो उप इकाइयों में 50S व 30S की बनी होती हैं, जो आपस में मिलकर 70 S प्रोकैरियोटिक राइबोसोम बनाते हैं। राइबोसोम के ऊपर प्रोटीन संश्लेषित होती है।  राइबोसोम अंतर्द्रव्यी जालिका के बाहरी सतह पर चिपके रहते हैं। जिस अंतर्द्रव्यी जालिका के सतह पर यह राइबोसोम मिलते हैं, उसे खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका कहते हैं। राइबोसोम की अनुपस्थिति पर अंतर्द्रव्यी जालिका चिकनी लगती है।  चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका प्राणियों में लिपिड़ संश्लेषण के मुख्य स्थल होते हैं। लिपिड की भाँति स्टीरायडल हार्मोन चिकने अंतर्द्रव्यी जालिका में होते हैं। 

LearnExpert: Prokariotic Cell (प्रोकैरियोटिक कोशिका ) क्या है

LearnExpert: Prokariotic Cell (प्रोकैरियोटिक कोशिका ) क्या है : Prokariotic Cell (प्रोकैरियोटिक कोशिका ) प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं जीवाणु, नीलहरित शैवाल, माइकोप्लास्मा और प्ल्युरों निमोनिया सम जीव (PPLO...

Prokariotic Cell (प्रोकैरियोटिक कोशिका ) क्या है

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Prokariotic Cell (प्रोकैरियोटिक कोशिका ) प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं जीवाणु, नीलहरित शैवाल, माइकोप्लास्मा और प्ल्युरों निमोनिया सम जीव (PPLO) मिलते हैं | प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं सभी प्रकार के पोधों मे पाई जाती है इस प्रकार की कोशिका मे कोई स्पस्ट केन्द्रक नहीं पाया जाता है | आनुवंशिक पदार्थ कोशिका के कोशिका द्रव मे वितरित रहता है | प्रोकैरियोटिक कोशिका की यह विशेषता है की उनमे कोशिका झिल्ली एक विशिष्ट विभेदित आकार मे मिलती है | जिसे मेसोसोम कहते हैं | कुछ प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं  जैसे निलहरित जीवाणु के कोशिका द्रव मे झिल्लीमय विस्तार होता है जिसे वर्णक लवक कहते हैं |

संस्थानिक (Isotop)

संस्थानिक (Isotop) ऐसे तत्व जिनके परमाणु क्रमांक एक सामान हों और परमाणु भार अलग अलग हो, वह तत्व एक दूसरे के संस्थानिक कहलाते हैं | उदाहरण के लिए - हाइड्रोजन के तीन संस्थानिक हैं - 1H 1          - प्रोटीयम  1H 2          - डयूटएरियम  1H 3          -ट्रटीयम